Monday, July 31, 2006

किताबों को हिट कराने का मौसम

लगता है कि इन दिनों किताबों को हिट कराने का मौसम चल रहा है. जहां देखो एक किताब की चर्चा. दिलचस्प बात तो यह है कि किताब के चर्चा में आने से पहले एक विवाद सामने आता है और पता चलता है फलां-फलां विवाद के बारे में फलां-फलां ने अपनी "नई किताब" में चर्चा की है. इसी कड़ी में आजकल जसवंत जी हर जगह छाए हुए हैं जिनकी किताब "ए कॉल टू ऑनर" बेस्टसेलर में शामिल भी हो गई. अब क्या कहें...... पता नहीं कि किताब से जुड़ा जासूस विवाद न होता तो किताब के पढ़ने वाले कितने होते.

अब अपनी क्रिकेट टीम के कोच जॉन राइट को ही लीजिए. जिस गांगुली के कसीदे पढ़ते वह नहीं थकते थे अब वह अपनी किताब "इंडियन समर्स" में गांगुली के साथ विवादों का जिक्र कर रहे हैं.

जसवंत की तरह का नुस्खा अपनाने के लिए एक और सांसद ने अयोध्या विवाद के बारे में चर्चा की. फिर खबर आई कि इस बारे अधिक विस्तार से चर्चा सांसद महोदय की नई पुस्तक में है. अब ये अलग बात है कि जसवंत जी की किताब के चलते सांसद जी की किताब लाइम लाइट में नहीं आ पाई.

लगता है सांसद जी को मार्केटिंग बिजनेस का जरा कम ज्ञान है तभी तो उन्होंने बॉक्स ऑफिस पर चल रही एक हिट फिल्म के समय अपनी फिल्म रिलीज कर दी. अब उन्हें कौन समझाए कि किताब को हिट कराने के लिए सही टाइमिंग पर सही विवाद की जरुरत पड़ती है.

Thursday, July 20, 2006

दुनिया है गोल

दुनिया गोल है, ई बात अब हमहूं दावे के साथ कह सकता हूं। जी नहीं, हम आपको जोगराफिया नहीं पढ़ा रहा हूं। हमरे कहने का मतलब तो बस ई है कि दुनिया में आप कहीं भी जाइए, स्थिति एके जैसी है। अगर चावल का एक दाना देखकर उसके पकने का अंदाजा चल सकता है, तो हम ई कह सकता हूं कि खाली हमरे लिए ही नहीं, दुनिया के हर देश के लोगों के लिए घर की मुरगी दाल बराबर होती है, अपनी स्थिति से कोई खुश नहीं रहता, जाम हर जगह लगता है औरो भरष्टाचार के शिकार सिरफ हमहीं नहीं, दूसरे देश के लोग भी हैं। हमको तो लगता है कि मरने के बाद स्वर्ग पहुंचने वाले लोग भी निश्चित रूप से अपनी स्थिति से संतुष्ट नहीं रहते होंगे.... (पूरा पढ़े)

Monday, July 10, 2006

हिंदी ब्लॉग जगत की महिमा

हिंदी ब्लॉगरों की संख्या जितनी तेजी से बढ़ रही है. उसके बारे में लोगों तक जानकारी भी उतनी तेजी से पहुंच रही है. जिस समय मैं हिंदी ब्लॉगर समूह में शामिल हुई थी मेरे पास इसके बारे में कुछ जानकारी नहीं थी. पर अब नए लोगों के लिए जानकारी की कोई कमी नहीं हैं. इंटरनेट पर हिंदी की बढ़ती लोकप्रियता इसके उज्जवल भविष्य की ओर संकेत करती है.

हिंदी ब्लॉगिंग पर नवभारत टाइम्स में आज प्रकाशित लेख देंखे

इसी तरह आगे बढ़ते रहने के लिए हिंदी ब्लॉग जगत को बहुत बहुत शुभकामनाएं...

Saturday, July 08, 2006

मदद.... मदद... मदद

सभी ब्लॉगर मित्रों के अमूल्य सुझाव की जरुरत आन पड़ी है. दरअसल में काफी समय से एक न्यूज बेस बेवसाइट बनाने के बारे में सोच रही हूं. वैसे मेरा रुझान हिंदी साइट बनाने की ओर ही है. पर मेरे सहयोगी का कहना है कि इंग्लिश सेगमेंट भी होना जरुरी है. अब समस्या ये है कि मुझे कोई नाम ही नहीं सूझ रहा है. जो भी नाम सोचते हैं उसका डोमेन नेम पहले से ही बुक हो चुका है. अब कुछ ऐसा सोचना है जिसमें न्यूज बेस कंटेंट भी डाला जा सके और डोमेन मिलने की भी गुंजाइश हो.
डोमेन नेम खरीदने का बिजनेस भी खासा चल निकला है. खैर, साइट के लिए आप लोग नाम सुझाएं. आपके अमूल्य सुझावों का इंतजार है. वैसे मैं और मेरे सहयोगी तो नाम की तलाश में लगे ही हुए है.

Friday, July 07, 2006

देयर इज नथिंग गुड एंड बैड!!

शेक्सपियर ने लिखा है, 'देयर इज नथिंग आइदर गुड ऑर बैड, बट थिंकिंग मेक्स इट सो।' यानी संसार में अच्छा या बुरा कुछ नहीं है। अगर कुछ अच्छा या बुरा लगता है, तो ऐसा हमारी सोच के कारण होता है। हमारी सोच किसी भी स्थिति, घटना, वस्तु या व्यक्ति को अच्छा या बुरा बनाती है। वास्तविक जीवन में क्या घटित हो रहा है, इससे ज्यादा महत्व इस बात का है कि मन में क्या घटित हो रहा है। (पूरा पढ़े)