दुनिया है गोल
दुनिया गोल है, ई बात अब हमहूं दावे के साथ कह सकता हूं। जी नहीं, हम आपको जोगराफिया नहीं पढ़ा रहा हूं। हमरे कहने का मतलब तो बस ई है कि दुनिया में आप कहीं भी जाइए, स्थिति एके जैसी है। अगर चावल का एक दाना देखकर उसके पकने का अंदाजा चल सकता है, तो हम ई कह सकता हूं कि खाली हमरे लिए ही नहीं, दुनिया के हर देश के लोगों के लिए घर की मुरगी दाल बराबर होती है, अपनी स्थिति से कोई खुश नहीं रहता, जाम हर जगह लगता है औरो भरष्टाचार के शिकार सिरफ हमहीं नहीं, दूसरे देश के लोग भी हैं। हमको तो लगता है कि मरने के बाद स्वर्ग पहुंचने वाले लोग भी निश्चित रूप से अपनी स्थिति से संतुष्ट नहीं रहते होंगे.... (पूरा पढ़े)
6 Comments:
बिलकुल सही लिखा है
सुर जी (झा जी),
आप "कह सकता हूं" लिखती हैं, मै बहुत कोनफुज़िया गया था, अबहिन तक मै आपको पुरुषै समझकर कितनियै टिप्पणी किया होऊंगा, माफी, महिला ब्लोगर को पुरुष समझने का बहुत बडा गलती किया हूं हम।
e-shadow जी क्षमा करे आपका नाम नहीं मालूम इसलिए इसी नाम से संबोधित कर रही हूं. पता नहीं लेकिन आपको मुझे और झा जी को लेकर काफी कन्फूजन हो गया है. मैं (सुर) और झा जी दो अलग-अलग प्राणी हैं. मैं यकीनन लिखती हूं और झा जी लिखते हैं. पहले तक झा जी के लेख दिल्ली ब्लॉग पर मैं लगा देती थी पर अब बिहारी बाबू कहिन नाम से झा जी के कॉलम्स के लिए अलग से ब्लॉग बना दिया है. पर चूंकि झा जी का ब्लॉग नारद पर लिस्ट नहीं होता है इसलिए मैंन सोचा कि कुछ अंश अपने ब्लॉग पर लगा देती हूं ताकि आप लोग नए ब्लॉगर "झा जी" को पढ़े और उनका प्रोत्साहन करें. और रही बात दिल्ली ब्लॉग की कुछ निजी समस्याओं के चलते इन दिनों कुछ लिख नहीं पा रहे हैं. वैसे भी हम आप लोगों की तरह गंभीर चिंतन करने वालों में नहीं है.
उम्मीद है आपके कन्फ्यून का समाधान हो गया होगा.
appki nayi site ke liye kuch naam sujhaye hain
नहीं तरुण अभी तक साइट के लिए कोई नाम फाइनल नहीं हो पाया है और आप लोगों ने भी बाद में कुछ बताया नहीं तो मामला जरा ठंडा पड़ गया. लेकिन प्रोसेस चालू है देखिए साइट कब साकार रुप लेती है.
ओह्ह शंका समाधान हुई, धन्यवाद जी। और गंभीर चिंतन की खूब कही, हे हे हे। मजाक उडाना अच्छी बात नही है हां, बताये देते हैं हम।
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