दूसरे से चार्ज होना
आजकल हम मोबाइल फोन रखने वाले आफिस के अपने साथियों से परेशान हूं। रोज कोयो न कोयो हमरे पास चार्जर मांगने आ जाता है औरो चार्जर नहीं मिलने पर एक खरीदकर रखने की मुफ्त में सलाहो दे जाता है। आप ही बताइए, ई अजीब बात नहीं है कि सब दोसरे के भरोसे चार्ज रहना चाहता है। वैसे, बहुत चिंतन के बाद हम इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि वास्तव में हम सब दोसरा के भरोसे ही चार्ज होने के लिए अभिशप्त हूं।
अब देखिए न वसंत कुंज वालों को। पांच दिन हाड़तोड़ मेहनत करके जब उ लोग डिस्चार्ज हो जाते हैं, तो चार्ज होने के लिए सप्ताह के बाकी दू दिन मॉल में घूमते रहते हैं। इसके लिए उ गुड़गांव तक का चक्कर लगाते रहते हैं, लेकिन दूसरे से चार्ज होने की आदत देखिए कि अपने यहां बन रहे मॉल को बनने से रोकने के लिए कोर्ट पहुंच गए। उ तर्क दे रहे हैं कि मॉल बनने से यहां का परयावरण खराब हो जाएगा। अरे भइया, मॉल बनने से अगर आपकी कालोनी का परयावरण खराब हो रहा है, तो गुड़गांव का परयावरण मॉल बनने से बढि़या तो हो नहीं जाएगा! अगर परयावरण का एतने चिंता है, तो मत जाइए कहीं के मॉल में। ऐसन दोगलई काहे करते हैं?
वैसे, दूसरे से चार्ज होने के मामले में हमरी पुरुष बिरादरी भी बदनाम है। का है कि अपनी बीवी या गर्ल फरेंड केतनो बढि़या हो, उनकी बांछें दूसरे की जोड़ू को देखकर ही खिलती है। घर में जब तक बीवी के साये में रहेंगे, डिस्चार्ज रहेंगे, एकदम मुरझाए-से, लेकिन जैसने बाहर निकले कि एकदम चार्ज हो जाएंगे। बीवी या अपनी पुरानी हो चुकी गर्ल फरेंड का फोन आएगा, तो महाशय के मुंह से एकदम मरी हुई आवाज निकलेगी, जैसे न जाने दुख का केतना बड़का पहाड़ बेचारे पर टूट पड़ा हो, लेकिन दूसरी कोई महिला फोन पर हो, तो देखिए महाशय के चेहरे का चमन, एकदम खिला होता है! एक मिनट में डिस्चार्ज मूड चार्ज हो जाता है।
अपनी किरकेटिया टीम को ही देखिए लीजिए। मान लिया जाता है कि बिना विदेशी कोच के अपनी टीम चार्ज हो ही नहीं सकती। बेचारा गए, तो गेग चैपल आए, ई जाएंगे तो कोयो और आएंगे, लेकिन कोच बनेगा कोयो विदेशी ही। दूसरे से चार्ज होने की मानसिकता के कारण ही तो हमने मान लिया है कि गावस्कर और कपिल ताऊ ने जिंदगी भर घास खोदी है।
घास तो अपने परधानमंतरी भी खोद रहे हैं। सरकार के उ मुखिया हैं, लेकिन दूसरे से चार्ज होने की अपनी आदत देखिए कि पेटरोल-डीजल का दाम बढ़ाने के बाद सरकार पर डिस्चार्ज होने का खतरा पैदा हुआ, तो चार्ज करने के लिए उरजा मंतरी मुरली देवड़ा सीधे पहुंच गए सोनिया गांधी के पास। बेचारा परधानमंतरी गए तेल लेने, कोयो नहीं पूछता उनको।
वैसे, कांगरेस पारटी में दूसरे से चार्ज होने की संस्कृति बहुते पुरानी है। का है कि अगर किसी राज्य में कांगरेसी सरकार बनने की स्थिति आई, तो वहां का विधायक अपना नेता नहीं चुनता। दूसरे से चार्ज होने की मानसिकता देखिए कि नेता चुनने का काम आलाकमान पर छोड़ दिया जाता है। चुनाव भले ही आप जीत लें, लेकिन सरकार बना लेना बच्चों (विधायकों!) का खेल थोड़े ही है, सो ऊपर से मदद जरूरी हो जाता है।
और तो और अब राहुल गांधी परधानमंतरी बनने की टरेनिंग ले रहे हैं, तो बेचारे को चार्ज होने के लिए विदेश भेज दिया गया। अभी खबर आई थी कि उ सिंगापुर में राजनीति का गुर सीख रहे हैं। अब हम ई सोच-सोच के डिस्चार्ज हो रहा हूं कि भगवान जाने वहां की टरेनिंग से एतना बड़का लोकतांतरिक देश राहुल चला कैसे चला पाएंगे! अब आप ही बताइए, हम अपने को कहां से चार्ज करें!
प्रिय रंजन झा
1 Comments:
ई बांच के हम फिर से चार्ज हो गये।
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