Friday, May 05, 2006

जमाना हवाबाजी का

जमाना हवाबाजी का है, मतलब बड़ी-बड़ी हांकने का है। आप जेतना हवाबाजी देखाएंगे, ओतना फायदा में रहेंगे। अगर आपकी औकात दो टका की है, तो आप उसको दस टका का बताइए औरो देखिए लोग पर केतना रौब जमता है आपका। दिल्ली में तो हमको सौ में नब्बे लोग हवाबाज दिखता है। कोयो अपनी नौकरी के बारे में बड़ी-बड़ी हांकता है, तो कोयो अपनी रिश्तेदारी औरो बड़े लोगों से अपने संपर्क के बारे में, तो कोयो अपने पैसा के बारे में।

वैसे, गौर से देखिएगा, तो पूरा देश आपको हवाबाजी में कलाबाजी करते दिखेगा। बाजार हवा में है, कानून हवा में है, समाज हवा में है, पालिटिक्स हवा में है, लोग हवा में है, यहां तक कि पूजा-पाठ तक हवा में है। जमीनी हकीकत के बारे कोयो सोचना नहीं चाहता। औरो यही कारण है कि यहां कुछो व्यवस्थित नहीं है, सब कुछ हवा में डोल रहा है। ऐसे में आप भी तभिये यहां बढ़िया से जी सकते हैं, जब आप नंबर वन के हवाबाज हों।

अगर आप हवाबाज हैं, तो बढ़िया नौकरी के साथ-साथ सभ्य अंदाज में कहें, तो बढ़िया बीवी भी पा सकते हैं। चमक-दमक में नहीं रहिएगा, तो लड़की आपके तरफ देखेगी भी नहीं। तभिये तो लड़कियों को ई दिखाने के लिए कि हमरे बटुए में बहुते पैसा है, जवान सब झपटमारी करने से लेके गाड़ी चुराने तक से नहीं हिचकते। एतना मेहनत के बाद जब उ बरांडेड कपड़ा औरो गाड़ी से लड़की को इमपरेस कर पाता है, तभिये उ उसकी गर्लफरेंड बनती है।

ऐसने हाल नौकरी का है। अगर आप गीता के इस सिधांत में विशवास करते हैं कि 'काम किए जा, फल की चिंता मत कर', तो दिल्ली में रेता ढोने वाला गदहा भी आपसे बड़ा गदहा नहीं है। यहां तो हाल ई है कि आप काम भले नहीं कीजिए, लेकिन व्यस्त हरदम दिखए। ऑफिस में कंपूटर पर गेम खेलते रहिए, फोन पर बीवी से बतियाते रहिए, लेकिन हरदम शो कीजिए कि आफिस के काम से आपकी कमर झुकती जा रही है औरो आपके पास टायलेट जाने तक टैम नहीं है। देखिए, आफिस में आपका केतना इमपरेसन जमता है। अगर आप बॉस हैं, तो दिन में पांच बार मीटिंग बुलाइए। कोयो मुद्दा नहीं मिले, तो पिछला दिन के अपने परपोजल के बदला में रोज नया परपोजल पेश करते रहिए। बस ई देखाते रहिए कि आप कुछो कर रहे हैं।

नौकरी पाना है, तो बायोडाटा में हवाबाजी दिखाइए। अगर चपरासी की नौकरी चाहिए, तो लिखिए कि आप गदहे से भी बेसी सीधे व मूरख हैं औरो आपके मुंह में बोली हैइए नहीं है, भले ही नौकरी मिल जाने के बाद आप बात बात पर अपने अफसर का कालर पकड़ लें। ऐसने अगर आप अफसरी वाला नौकरी ढूंढ रहे हैं, तो ई लिखने से मत चूकिए कि आप एतना बेरहम हैं कि बीस आदमी का काम दो आदमी से करवाकर कमपनी का अठारह आदमी का खरचा बचा सकते हैं। अब जब आप एतना पैसा बचवा सकते हैं, तो ई हवाबाजी में दिखाने में कौनो हरज नहीं है कि आपकी असली औकात आपके अभी के पगार से चार गुना बेसी है।

वैसे तो हवाबाजी फायदाकारक है, लेकिन कभियो-कभियो ई नुकसानो कर देता है। देश की धड़कन शेयर बाजार का पूरा मामले हवाबाजी पर टिकल है, तभिये तो दस टका का शेयर कल हजार टका हो जाता है, तो परसों सौ टका का। का है कि जब तक आपको उड़ाने वाले गुब्बारे को कोई छेड़ता नहीं, तब तक आप उड़ते रहिए, पिन चुभा नहीं कि आप गिरे धांय। हमरा एक मित्र है, बड़ी-बड़ी हांक के ही बड़ा आदमी हो गया है। दिल्ली का जेतना बड़का अफसर, मंत्री, नेता औरो बिजनेसमैन है, सब उसका चचा है, फूफा है या भैया है। उ इसी सब के नाम पर कमाता-खाता है। उसके हांकने से तंग होने के बाद हमरे पास एक ही रस्ता बचता है- उसको अपने चचाओं से कराने के लिए एक काम थमा देना, उ भी बिना घूस के। विशवास कीजिए उ महीनों तक हमको दरशन नहीं देता है औरो इसके बाद जब मिलता है, तब कहता है कि उस चचा से उसका रिलेशन खराब हो गया, इसलिए काम नहीं हुआ। हमरा काम भले ही नहीं होता, लेकिन महीनों तक उसकी हवाबाजी से मुक्ति तो मिल ही जाती है! तो आप भी खूब हवाबाजी कीजिए, बस सतर्क रहिए कि पिन न चुभे!

प्रिय रंजन झा

2 Comments:

At 9:55 PM, Blogger Udan Tashtari said...

"तो आप भी खूब हवाबाजी कीजिए, बस सतर्क रहिए कि पिन न चुभे!"-हवाबाजी के भी अपने गुर हैं,उन्हे सीखे बिना तो पिन चुभेगी ही-इसकी भी कहीं कोचिंग शुरु हो जाये तो खुब चलेगी।

समीर लाल

 
At 11:15 PM, Blogger अनूप शुक्ल said...

बढ़िया हवाबाजी किये।

 

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