Sunday, December 31, 2006

नव वर्ष मंगलमय हो!!!

आप सभी को नव वर्ष 2007 की हार्दिक शुभकामनाएं

Friday, December 29, 2006

ऊफ ये हिंदी!!!

अब जरा इन कुछ चर्चित अंग्रेजी शब्दों के हिंदी अर्थों पर गौर फरमाए. अगर कहीं आम बोलचाल में इन्हें बोलना पड़ जाए तो....

Cricket गोल गुत्तम लकड़ बट्टम दे दनादन प्रतियोगिता

Cricket Test Match पकड़ डंडू मार मंडू दे दनादन प्रतियोगिता

Table Tennis अष्ठकोणी काष्ठ फ़लक पे ले टकाटक दे टकाटक

Lawn Tennis हरित घास पर ले तड़ातड़ दे तड़ातड़

Light bulb विद्युत प्रकाशित कांच गोलक

Tie कंठ लगोट

Match Box अग्नि उत्पादन पेटी

Traffic Signal आवन जावन सूचक झंडा

Tea दुग्ध जल मिश्रित शर्करा युक्त पर्वतीय बूटी

Train सहस्त्र चक्र लौह पथ गामिनी/अग्नि रथ

All Route Pass यत्र तत्र सर्वत्र गमन आज्ञा पत्र

Railway Station अग्नि रथ विराम स्थल

Button (In clothes) अस्त व्यस्त वस्त्र नियंत्रक

Mosquito गुंजनहारी मानव रक्त पिपासु जीव

Cigarette धूम्र शलाका

Saturday, December 23, 2006

Merry Christmas!!!!

Sunday, December 10, 2006

मानवाधिकार दिवस

10 दिसंबर यानी मानवाधिकार दिवस। "मानवाधिकारों" को लेकर अक्सर विवाद बना रहता है। ये समझ पाना मुश्किल हो जाता है कि क्या वाकई में मानवाधिकारों की सार्थकता है। अबू गरीब जेल जैसे कांड जब सुनने में आते हैं तो मानवाधिकारों की बात करना सही प्रतीत होता है। जेल में कैदियों के साथ जिस तरह का अमानवीय व्यवहार किया जाता है या किसी भी वजह से मनुष्य के हितों की अनदेखी होती है तो यकीनन उसे सही नहीं ठहराया जा सकता। ऐसे में मानव अधिकारों की बात करना सही लगता है, लेकिन वहीं दूसरी और जब मानवाधिकारों की दुहाई देकर अफजल गुरु जैसे आतंकवादियों को माफ करने की बात कही जाती है तो मानवाधिकार जैसी बाते निरर्थक लगती है। विरोधाभास तो है ही लेकिन कहीं न कहीं मानव का हित साधना ही परम उद्देश्य है।

कुछ नजर मानवाधिकारों के इतिहास पर भीः-

कब और कैसे?

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने पहली बार १० दिसंबर, १९४८ में सार्वभौमिक मानवाधिकार घोषणा स्वीकार की थी। १९५० से महासभा ने सभी देशों को इसकी शुरुआत के लिए आमंत्रित किया।

संयुक्त राष्ट्र ने इस दिन को मानवाधिकारों की रक्षा और उसे बढ़ावा देने के लिए तय किया
संयुक्त राष्ट्र ने २००५-०७ तक का समय प्राइमरी और सेकेंडरी स्कूलों में मानवाधिकार शिक्षा के लिए मुकर्रर किया है।

क्या है 'मानव अधिकार'

किसी भी इंसान की जिंदगी, आजादी, बराबरी और सम्मान का अधिकार है मानवाधिकार है। भारतीय संविधान इस अधिकार की न सिर्फ गारंटी देता है, बल्कि इसे तोड़ने वाले को अदालत सजा देती है।

भारत में

देश में २८ सिंतबर, १९९३ से मानव अधिकार कानून अमल में आया।

१२ अक्तूबर, १९९३ में सरकार ने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग का गठन किया।

आयोग के कार्यक्षेत्र में

नागरिक और राजनीतिक के साथ आर्थिक , सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकार भी आते हैं। जैसे बाल मजदूरी, एचआईवी/एड्स, स्वास्थ्य, भोजन, बाल विवाह, महिला अधिकार, हिरासत और मुठभेड़ में होने वाली मौत, अल्पसंख्यकों और अनुसूचित जाति और जनजाति के अधिकार।