Wednesday, September 16, 2009

हैपी वर्किंग पेरंट्स डे

आज वर्किंग पेरंट्स डे पर कई साल पहली पढ़ी कुछ लाइनें याद आ रही हैं और इनका गहरा मतलब आज ज्यादा अच्छी तरह महसूस कर पा रही हूं....

अगर मुझे बच्चे को दोबारा पालना हो,
तो मैं उंगुलियों पर ज्यादा पेंट करूंगी और उंगली कम दिखाऊंगी।
मैं सुधारूंगी कम और जुडूंगी ज्यादा।
मैं अपनी आंखें घड़ी से हटा लूंगी और अपनी आंखें उसी पर गड़ाए रखूंगी।
मैं जानने की कम परवाह करूंगी और उसकी ज्यादा परवाह करूंगी।
मैं ज्यादा घूमूंगी और ज्यादा पतंगें उडाऊंगी।
मैं कम गंभीर रहूंगी और खेलूंगी ज्यादा।
मैं मैदानों में ज्यादा भागूंगी और ज्यादा सितारों को देखूंगी।
मैं डांटूंगी कम और गले ज्यादा लगाऊंगी।
मैं कम बार कठोर रहूंगी और ज्यादा बार तारीफ करूंगी।
मैं शक्ति के प्रेम के बारे में कम सिखलाऊंगी,
और प्रेम की शक्ति के बारे में ज्यादा सिखाऊंगी।
(डियोन लूमैन्स)

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