धर्म और संस्कृति के ये रखवाले!!
लीजिए जनाब अपने देश की धर्म व संस्कृति पर इतना बड़ा संकट आ जाए और हमारे देश की धर्म और संस्कृति के रखवाले (तथाकथित) संगठन चुपचाप बैठे रहे यह कैसे संभव है. मेरठ के प्रेमी जोड़ों पर पुलिस ने दो-चार थप्पड़ क्या मार दिए कि पड़ गए सब बेचारे पुलिसवालों के पीछे. बस फिर क्या था धर्म, परंपरा और संस्कृति के रखवालों को तो आगे आना ही था. लीजिए अब वे अपने जाबांज पुलिसकर्मियों का साथ देने के लिए आ गए है मैदान में. अब जरा कोई ऐसी-वेसी हरकत तो करके दिखाए. वो तो उन प्रेमियों के दिन जरा अच्छे थे जो उन पर पुलिस से पहले इन संगठनों की नजर नहीं पड़ी वरना तो मजाल की देश में संस्कृति के खिलाफ कुछ भी ऐसा वैसा (प्यार-व्यार, वैलेंनटाइन-डे वगैहर-वगैहर) हो जाए. (देखे संपादकीय)
अब देखिए ना जिस दिन टीवी पर पुलिसवालों के इस स्पेशल ऑपरेशन को दिखाया गया, उसी दिन टीवी पर एक और न्यूज दिखाई गई. खबर कुछ यूं थी कि एक मुस्लिम युवा ने अपने हिंदू लड़की के साथ शादी कर ली. बस शहर में हो गया बवाल. उसी पर हमारे एक प्रसिद्ध हिंदूवादी संगठन के महान नेता टीवी कैमरे के सामने भड़कते हुए बोले, ये मुस्लमानों की सोची समझी चाल है, इस तरह वो हिंदु संस्कृति को नष्ट कर रहे है. ये तो मोहम्मद गजनी के समय से होता आ रहा है. इस तरह की शादी को कभी स्वीकार नहीं किया जा सकता.
अब भला वे तो ये समझने से रहे कि प्यार अंधा होता है, ऊंच-नीच, जात-बिरादरी, धर्म नहीं देख पाता. इसलिए उनका और उनकी सोच के लोग का मानना भी सही है कि कोई भी ऐसी चीज जो धर्म-संस्कृति न देख पाती देश के लिए घातक है. इसलिए बेचारे पुलिसवालों को, जिन्होंने देश की खातिर इतना बड़ा काम किया उनका समर्थन तो करना ही पड़ेगा.
2 Comments:
दिक्कत तो यह है कि जिस तरह कुछ लोगों की वजह से इस्लाम का नाम आतंकवाद से जुड़ चुका है, ठीक उसी तरह इन तथाकथित हिन्दुत्ववादी संगठनों के कारण 'हिन्दू' शब्द भी उपहास और अन्धनिष्ठा का समानार्थक न बन जाए।
तो यह बजरंग दल, भवानी सेना, इत्यादि और क्या हैं? ये भी गुण्डों की टोलियाँ हैं और ये भी वही करती हैं जो कि इस्लामी कट्टरपंथी करते हैं। यह भी आतंकवाद ही है, फ़र्क इतना है कि इन्हें औपचारिक रूप से आतंकवादी होने के खिताब से नहीं नवाज़ा गया है इसलिए इनके ख़िलाफ़ कोई सरकारी कार्यवाही नहीं होती!!
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